Biraj Bahu (Hindi)
शरत्चंद्र चट्टोपाध्याय बंगाल साहित्य जगत के एक सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उनकी अधिकतर रचनाओं को हिंदी में व्यापक रूप से अनुवाद किया गया है। उनका जन्म 15 सितंबर 1876 को हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का शरत्चंद्र के जीवन पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ा। इस उपन्यास में शरत्चन्द्र ने बड़ी सहजता से गांव की रूढ़िवादी सामाजिक व्यवस्था को इंगित किया है। बिराज एक सीधी-सादी लड़की है, जो अपने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए समाज के हर एक दंश को सहती है। अपने चरित्र पर उठ रहे सवाल और निर्धनता से परेशान होकर वो भीख मांगने तक से परहेज नहीं करती है।
Author
Saratchandra Chattopadhyay
Age Group
15+ Years
Language
Hindi
Number Of Pages
84